नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणा कर दी गयी है। इसके साथ ही भारतीय शिक्षा व्यवस्था में कई सारे अभूतपूर्व बदलाव आए हैं।
विद्यार्थियों के मन मे, नई शिक्षा नीति क्या है, नई शिक्षा नीति के लागू होने से क्या बदलाव देखने को मिलेगा, जैसे प्रश्नों के उत्तर जानने की इक्षा प्रबल हो उठी है।
वैसे तो इस article में हम नई शिक्षा नीति के बारे में जानेंगे, लेकिन इसके साथ ही पुरानी शिक्षा नीति की कमियां, जो नई शिक्षा नीति की वजह से दूर हो गई है। उसपर भी प्रकाश डालेंगे।
तकरीबन 35 सालों के बाद भारतीय शिक्षा नीति में इतना बड़ा बदलाव किया गया है।
लगभग सभी सिक्षाविदों, अभिभावकों और छात्रों ने नई शिक्षा नीति को सराहा है। एवं इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा की है।
नई शिक्षा नीति क्या है ?
1. पुरानी शिक्षा नीति के अंतर्गत, पहले इस्तेमाल होने वाले 10+2 वाले board की संरचना को समाप्त कर दिया गया है।
2. नई शिक्षा नीति के लागू होने से अब, स्कूली शिक्षा की संरचना, 5+3+3+4 होगी।
3. इन बदलावों के अनुसार अब, कक्षा 5 तक प्राथमिक(primary), कक्षा 6 से 8 तक मध्य विद्यालय(middle school), कक्षा 8 से 11 तक उच्च विद्यालय(high school) एवं कक्षा 12 के बाद स्नातक(graduation) कहा जायेगा।
4. पहले की शिक्षा नीति के अनुसार degree course यानी under graduate course 3 साल का हुआ करता था। सिर्फ कुछ विशेष UG course के लिए 4 साल तक पढ़ाई चलती थी।
लेकिन इंसमे भी बड़ा बदलाव करते हुए, सभी प्रकार के UG course को 4 साल का कर दिया गया है।
इसके अंतर्गत, वैसे विद्यार्थी जो उच्च शिक्षा के लिए जाना चाहते हैं, उन्हें 4 वर्षो के UG पाठ्यक्रम के तहत पढ़ना होगा।
लेकिन वैसे छात्र जो नौकरी पाने की लालसा रखते हैं, उनके लिए UG का course सिर्फ 3 वर्षों का होगा।
5. एक बदलाव जो मुझे भी पसंद आया, वो है, 6 ठि कक्षा के बाद ही अब व्यवसायिक पाठ्यक्रम को शामिल कर लिया गया है।
6. पहले जहाँ, हमे 10वी के बाद ही पसंदीदा विषय चुनने की आजादी थी। इसके बजाय अब आप 8वी कक्षा के बाद से ही पसंदीदा विषय का चुनाव कर सकते हैं।
7. सभी स्नातक पाठ्यक्रम में आपको अपने अनुसार विषय चुनने की आज़ादी होगी।
उदाहरण के लिए आप, भौतिकी को प्रमुख विषय मान के संगीत को भी चुन सकते हैं। वही कोई चाहे तो संगीत को प्रमुख विषय मानते हुए भौतिकी को भी चुन सकता है।
सीधे शब्दों में कहें, तो अब आपके सामने किसी प्रकार का कोई barrier नही है। आपको अपने अनुसार कोई भी विषय चुनने की आजादी है।
8. अब UGC और AICTE जैसी उच्च शिक्षा से संबंधित संस्थाओं को समाप्त कर के एक ही प्रमुख संस्था का गठन किया जाएगा।
9. सभी प्रकार के विश्वविद्यालय चाहे वो सरकारी, निजी, ओपन कोई भी हो। सभी के लिए एक समान नियम और ग्रेडिंग लागू किये जायेंगे।
10. सभी प्रकार के शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु, पूरे देश मे एक ही प्रशिक्षण बोर्ड की स्थापना की जाएगी। सभी राज्य के शिक्षकों को उसी से प्रशिक्षण प्राप्त होगा।
11. देश के सभी college में समान प्रकार की शिक्षण प्रणाली लागू की जाएगी। इसके साथ ही सभी colleges को उनकी rating एवं जरूरत के मुताबिक funding की जाएगी।
12. स्कूल में दाखिले से पहले यानी 3 से 6 वर्ष तक के बच्चे शिक्षा लेने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाये। इसके लिए माता पिता को pre school शिक्षा प्रदान करने के लिए training दिया जाएगा।
13. Multiple entry और multiple exit नियम के तहत अब कोई भी विद्यार्थी किसी भी course में दाखिला ले सकता है। साथ ही जब चाहे उसे छोड़ सकता है।
14. UG course के अंतर्गत आपको प्रत्येक वर्ष के लिए credit point दिए जाते हैं। ऐसे में आप जब छै course को छोड़ सकते हैं और बाद में आ कर उसे वही से पूरा कर सकते हैं।
15. अब सभी स्कूलों के परीक्षाएं प्रत्येक वर्ष semester wise ली जाएगी। इसके साथ ही पाठ्यक्रम को घटा कर कम कर दिया जाएगा।
पाठ्यक्रम से गैर जरूरी चीजों को निकाल कर, व्यवहारिक और practical knowledge प्रदान किया जाएगा।
16. नई शिक्षा नीति के तहत आपका कोई वर्ष कभी भी बर्बाद नही जाएगा।
यदि आप UG में 1 वर्षों तक पढ़ते हैं, तो उसके लिए basic certificate दिया जाएगा। 2 वर्षों तक पढ़ते हैं, तो diploma का सर्टिफिकेट दिया जाएगा और यदि 3 वर्ष या पाठ्यक्रम पूरा करने तक पढ़ते हैं, तो डिग्री का प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
चलते-चलते :
इस article में आपने जाना कि, नई शिक्षा नीति क्या है, इसके साथ ही हमने नई शिक्षा नीति के प्रभाव एवं भविष्य में इसके वजह से होने वाले बदलावो पर भी विस्तृत चर्चा की।
एक नजर में देखें, तो नई शिक्षा नीति के आने से students को काफी हद तक फायदा मिलेगा।
ज्यादातर students सिर्फ इस वजह से देश के बाहर शिक्षा लेने जाते थे। क्योकि वे भारतीय शिक्षा व्यवस्था से संतुष्ट नही थे।
लेकिन नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शामिल नियमो को यदि लागू किया जाता है। तो निश्चय ही जंग लग चुकी भारतीय शिक्षा व्यवस्था में सुधार की संभावनायें प्रबल होंगी।
Google DSC के डेवलपर कम्युनिटी को लीड कर चुके शिवम सैंकड़ो लोगों को गूगल क्लाउड, web एवं एंड्राइड जैसी तकनीकों में प्रशिक्षण दे चुकें हैं. तकनिकी छेत्र में शिवम को महारत हासिल है. वे स्टार्टअप, सोशल मीडिया एवं शैक्षणिक विषयों पर टपोरी चौक वेबसाइट के माध्यम से जानकारियां साझा करतें हैं. वर्तमान में शिवम एक इंजिनियर होने के साथ साथ गूगल crowdsource के इन्फ्लुएंसर, टपोरी चौक एवं सॉफ्ट डॉट के संस्थापक इसके अलावा विभिन्न स्टार्टअप में भागीदारी निभा रहें हैं.